तर्राष्ट्रीय आतंकवाद हिंसा और भय फैलाकर सरकारों और लोगों पर दबाव डालने की क्रिया
• कोई एक मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय कानूनी परिभाषा नहीं
• आतंकवाद राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत स्वार्थों से प्रेरित हो सकता है
• राजनीतिक, धार्मिक, गैर-राजनीतिक और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद मौजूद
• आतंकवाद के कारणों में वैचारिक, मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक कारक
• संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समझौतों से आतंकवाद से निपटने का प्रयास कर रहा है
• मानवाधिकारों का सम्मान आतंकवाद का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण है।
कानपुर 25 जून 2025
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद संपत्ति को नुकसान या लोगों की हत्या करके, या लोगों को धमकाकर, सरकारों पर दबाव डालकर, लोगों और सरकारों में आतंक पैदा करने की एक क्रिया है। इसका कोई एक मान्यताप्राप्त, अंतर्राष्ट्रीय कानूनी परिभाषा नहीं है, लेकिन यह आम तौर पर लोगों/समुदायों के बीच भय और आतंक फैलाने के उद्देश्य से हिंसक कृत्यों को दर्शाता है। आतंकवाद राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत/सामूहिक स्वार्थों की पूर्ति के उद्देश्य से हो सकता है।
विभिन्न प्रकार के आतंकवाद जैसे राजनीतिक, धार्मिक, गैर-राजनीतिक और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद मौजूद हैं। "अर्ध-आतंकवाद" भी एक जटिल समस्या है जो समाज में अशांति और हिंसा पैदा करता है। इसमें सामाजिक अन्याय, हाशिएपन, और असहिष्णुता जैसे कारक शामिल हो सकते हैं।
आतंकवाद के कारणों में वैचारिक, मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक कारक शामिल हैं, जिनमें व्यक्तिगत विश्वास, नफरत, सत्ता की चाहत, और सरकारों पर दबाव बनाने के प्रयास हैं।
आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, विशेष प्रस्तावों को लागू करना (जैसे अल-कायदा और तालिबान प्रतिबंध समिति, आतंकवाद विरोधी समिति, 1540 समिति), और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को लागू करना शामिल है। इन प्रयासों में संविधान, कानून, सामाजिक सुधार, और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से स्थायी शांति और सुरक्षा को लेकर काम करना शामिल है। आतंकवाद का मुक़ाबला करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मानवाधिकारों का सम्मान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।