प्रत्येक सांसद अलग-अलग देशों मेपाकिस्तान के झूठ और आतंकवाद को बेनकाब करेगे
प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति भारत की "शून्य सहिष्णुता" नीति का संदेश देगा
भारत के दृष्टिकोण को दुनिया के सामने पेश करेगा.
कांग्रेस में होने और कांग्रेस के होने में जमीन आसमान का फर्क
प्रयास भारत की सुरक्षा के साथ वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से लड़ने की दिशा में कदम
कानपुर 18 मई 2025
नई दिल्ली: 17 मई 2025
भारत सरकार ने पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक कदम उठाने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सात प्रमुख सांसद प्रत्येक अलग-अलग देशों का दौरा कर पाकिस्तान के झूठ और आतंकवाद को बेनकाब करेगे।
प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सदस्य:
शशि थरूर (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) - अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राज़ील, कोलंबिया
रविशंकर प्रसाद (भाजपा) - यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क
बैजयंत पांडा (भाजपा) - सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया
संजय कुमार झा (जेडीयू) - जापान, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया
कनिमोई करुणानिधि (डीएमके) - रूस, स्पेन
सुप्रिया सुले (NCP) - मिस्र, कतर, दक्षिण अफ्रीका
श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) - यूएई, लाइबेरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि विभिन्न पार्टियों के सांसद पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति भारत की "शून्य सहिष्णुता" नीति का पक्का संदेश देगा और भारत के दृष्टिकोण को दुनिया के सामने पेश करेगा.
यह प्रतिनिधिमंडल 23 से 24 मई के बीच विदेशी दौरे पर निकलेगा और लगभग 10 दिनों तक विभिन्न देशों में रहेगा। यह मिशन पाकिस्तान के झूठ को उजागर करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को आतंकवाद के खिलाफ भारत के ठोस रुख से अवगत कराने का एक प्रयास है.
इस पहल पर कुछ विपक्षी नेताओं ने अपनी चिंताएँ भी व्यक्त की हैं। विशेषकर, कांग्रेस ने यह आरोप लगाया है कि शशि थरूर का नाम उनकी ओर से नहीं दिया गया था और यह निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. इसके बावजूद, थरूर ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए इसे सम्मानित बताया है.
कांग्रेस ने अगले सप्ताह से विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व शशि थरूर को सौंपे जाने के बाद शनिवार को कहा कि सरकार शरारतपूर्ण मानसिकता के साथ काम कर खेल रही है । कांग्रेस की तरफ से सिर्फ चार नेताओं आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को दिए गए हैं। सरकार पार्टी से विचार विमर्श किए बिना उसके किसी सांसद को शामिल नहीं कर सकती। उनका यह भी कहा कि यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद अपनी पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं। “कांग्रेस में होने और कांग्रेस के होने में जमीन आसमान का फर्क है।”
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य़ पाकिस्तान के खिलाफ एक राजनीतिक दबाव बना आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करना है। यह प्रयास भारत की सुरक्षा के साथ वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की समस्या से लड़ने की दिशा में भी उल्लेखनीय कदम है.
शशि थरूर (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) - अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राज़ील, कोलंबिया
रविशंकर प्रसाद (भाजपा) - यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क
बैजयंत पांडा (भाजपा) - सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया
संजय कुमार झा (जेडीयू) - जापान, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया
कनिमोई करुणानिधि (डीएमके) - रूस, स्पेन
सुप्रिया सुले (NCP) - मिस्र, कतर, दक्षिण अफ्रीका
श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) - यूएई, लाइबेरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि विभिन्न पार्टियों के सांसद पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति भारत की "शून्य सहिष्णुता" नीति का पक्का संदेश देगा और भारत के दृष्टिकोण को दुनिया के सामने पेश करेगा.
यह प्रतिनिधिमंडल 23 से 24 मई के बीच विदेशी दौरे पर निकलेगा और लगभग 10 दिनों तक विभिन्न देशों में रहेगा। यह मिशन पाकिस्तान के झूठ को उजागर करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को आतंकवाद के खिलाफ भारत के ठोस रुख से अवगत कराने का एक प्रयास है.
इस पहल पर कुछ विपक्षी नेताओं ने अपनी चिंताएँ भी व्यक्त की हैं। विशेषकर, कांग्रेस ने यह आरोप लगाया है कि शशि थरूर का नाम उनकी ओर से नहीं दिया गया था और यह निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. इसके बावजूद, थरूर ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए इसे सम्मानित बताया है.
कांग्रेस ने अगले सप्ताह से विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व शशि थरूर को सौंपे जाने के बाद शनिवार को कहा कि सरकार शरारतपूर्ण मानसिकता के साथ काम कर खेल रही है । कांग्रेस की तरफ से सिर्फ चार नेताओं आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को दिए गए हैं। सरकार पार्टी से विचार विमर्श किए बिना उसके किसी सांसद को शामिल नहीं कर सकती। उनका यह भी कहा कि यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद अपनी पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं। “कांग्रेस में होने और कांग्रेस के होने में जमीन आसमान का फर्क है।”
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य़ पाकिस्तान के खिलाफ एक राजनीतिक दबाव बना आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करना है। यह प्रयास भारत की सुरक्षा के साथ वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की समस्या से लड़ने की दिशा में भी उल्लेखनीय कदम है.