• 14 Sep, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देने का निर्णय 15 सितंबर 2025 को सुनाया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देने का निर्णय 15 सितंबर 2025 को सुनाया जाएगा

- वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती वाली याचिकाओं पर आदेश 15 सितंबर  को
-अधिनियम मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव
- मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
- पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले मुसलमानों को संपत्तियों को वक्फ  करने की अनुमति
- कानून मुसलमानों के लिए है और इसे शरिया कानून के सिद्धांतों के अनुसार
-  विरोधी पक्षों ने अधिनियम को मौलिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के विरुद्ध
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान
कानपुर :13सितम्बर, 2025
नई दिल्ली :13 सितम्बर, 2025:सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देने का निर्णय लिया है। यह आदेश 15 सितंबर 2025 को सुनाया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा की गई दलीलों पर गौर करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था।याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इसके प्रावधानों में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि केवल वे मुसलमान जो पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहे हैं, उन्हें अपनी संपत्तियों को वक्फ के रूप में समर्पित करने की अनुमति है।
सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार ने इस कानून का बचाव करते हुए बताया कि यह अधिनियम केवल मुसलमानों के लिए लागू है, और इसे शरिया कानून के सिद्धांतों के अनुसार बनाया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि अन्य धार्मिक समुदायों के लिए, जो वक्फ संपत्ति में दान करने के इच्छुक हैं, उसमें कोई रोक नहीं है।
विभिन्न विरोधी पक्षों ने इस अधिनियम को देश के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरुद्ध बताया है। इस कानून में कहा गया है कि केवल मुसलमान ही वक्फ बना सकते हैं, जो विवाद का एक बड़ा कारण है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान की है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के डि-नोटिफाई करने का अधिकार, वक्फ संस्थाओं में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संभावित नियुक्ति, और सरकारी भूमि पर वक्फ संपत्ति का अधिकार शामिल हैं।
इस मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और अधिकार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। 15 सितंबर को आने वाले अंतरिम आदेश का ध्यानपूर्वक इंतजार किया जा रहा है।

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management