• 07 Jun, 2025

भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 धारा 10 के अंतर्गत "संविदा वह समझौता है जिसे कानून द्वारा लागू किया जा सकता है।"

भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 धारा 10 के अंतर्गत  "संविदा वह समझौता है जिसे कानून द्वारा लागू किया जा सकता है।"

भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 धारा 10 के अंतर्गत 

"संविदा वह समझौता है जिसे कानून द्वारा लागू किया जा सकता है।"
वैध और बाध्यकारी 
दो या दो से अधिक पक्षों के बीच आपसी सहमति

व्यापार  व्यक्तिगत और सामाजिक अनुबंधों की वैधता सुनिश्चित करने में भी महत्व रखती है।
संविदा विधि वह क्षेत्र है जो कानूनी समझौतों या संविदाओं (Contracts) के निर्माण, क्रियान्वयन, व्याख्या और उल्लंघन से संबंधित नियमों और सिद्धांतों पर केंद्रित है। संविदा एक वैध और बाध्यकारी समझौता है जो दो या दो से अधिक पक्षों के बीच आपसी सहमति से बनता है। इसमें कानूनन अधिकार और दायित्व की स्थापना होती है, जिसे यदि भंग किया जाए तो कानूनी उपाय उपलब्ध होते हैं।
संविदा विधि की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ इस प्रकार हैं:
1. सावधानीपूर्वक परिभाषा:
संविदा विधि की व्याख्या "ऐसे वैध समझौते के नियमों के रूप में की जाती है, जो दो या अधिक पक्षों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए किया जाता है और जो कानून द्वारा निष्पादनीय होता है।"
2. भारतीय संविधान के अनुच्छेद (भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 धारा 10 के अंतर्गत):
"संविदा वह समझौता है जिसे कानून द्वारा लागू किया जा सकता है।"
संविदा विधि के तत्व:
1. प्रस्ताव और स्वीकृति (Offer and Acceptance)
2. दोनों पक्षों की सहमति (Mutual Consent)
3. वैधानिक उद्देश्य (Lawful Object)
4. अधिकार और दायित्व (Rights and Obligations)
5. वैधानिक क्षमता (Legal Competence)
यह विधि न केवल व्यापार के क्षेत्र में बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक अनुबंधों की वैधता सुनिश्चित करने में भी महत्व रखती है।

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management