कुल प्राप्तियां: ₹50.65 लाख करोड़
कुल व्यय: ₹50.65 लाख करोड़
प्रत्यक्ष कर संग्रह: ₹19.45 लाख करोड़
व्यक्तिगत आयकर संग्रह: ₹10.45 लाख करोड़
कॉरपोरेट कर: ₹9.71 लाख करोड़
CGST संग्रह: ₹4.41 लाख करोड़
सीमा शुल्क संग्रह: ₹2.37 लाख करोड़
युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण स्थायी रोजगार के अवसर सृजित करने पर घ्यान नही
कानपुर 2 फरवरी, 2025
नई दिल्ली: 1 फरवरी, 2025 केंद्रीय बजट 2025-26 देश के आर्थिक विकास और नागरिकों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है। इस बजट में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं जो देश की वित्तीय नीति और आर्थिक संरचना को नया आयाम देंगे।
बजट के मुख्य आयाम
1. राजकोषीय संरचना:
कुल प्राप्तियां: ₹50.65 लाख करोड़
राजस्व प्राप्तियां: ₹34.20 लाख करोड़
पूंजीगत प्राप्तियां: ₹16.44 लाख करोड़
2. व्यय और घाटा:
कुल व्यय: ₹50.65 लाख करोड़
राजकोषीय घाटा: ₹15.68 लाख करोड़
प्रभावी पूंजीगत व्यय: ₹15.48 लाख करोड़
3. कर संग्रह की स्थिति:
प्रत्यक्ष कर:
बजट 2024-25 में प्रत्यक्ष कर संग्रह: ₹19.45 लाख करोड़
व्यक्तिगत आयकर संग्रह: ₹10.45 लाख करोड़
कॉरपोरेट कर: ₹9.71 लाख करोड़
अप्रत्यक्ष कर:
CGST संग्रह: ₹4.41 लाख करोड़
सीमा शुल्क संग्रह: ₹2.37 लाख करोड़
महत्वपूर्ण नवाचार:
1. 12 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं
2. बुनियादी ढांचे में निवेश पर जोर
3. व्यक्तिगत करदाताओं को राहत
अप्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर दबाव
कमजोर उपभोक्ता मांग
भारत की अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जिसे केंद्रीय बजट 2025-26 में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी। , देश की बढ़ती युवा जनसंख्या के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना सरकार के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए।
बजट के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण बृहद होना चाहिये परन्तु इन विषयो को छोड दिया गया है ।
1. कौशल विकास और प्रशिक्षण
बजट में कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त संसाधन आवंटित कर युवाओं को औद्योगिक और तकनीकी कौशलों में प्रशिक्षित करने के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किए जाने की आवश्यकता थी। डिजिटल कौशल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और अन्य उभरते क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए था।
2. स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा
नवीन स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए युवा उद्यमियों को वित्तीय सहायता, कर छूट और नियामक सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए थी।
3. अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश
विनिर्माण, कृषि, सेवा क्षेत्र और बुनियादी ढांचा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन को बढ़ावा व ग्रीन जॉब्स और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी।
4. शिक्षा और प्रशिक्षण में सुधार
शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को श्रम बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन कर व्यावसायिक शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश किया जाना चाहिए था।
5. डिजिटल अर्थव्यवस्था में रोजगार
टेक्नोलॉजी-संचालित क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल कौशल विकास और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी।
केंद्रीय बजट 2025-26 को रोजगार सृजन के लिए एक समग्र और दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए था। शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित करके भारत अपनी जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम उपयोग कर सकता है। बेरोजगारी दर को कम करने के लिए बहुआयामी रणनीति क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए समावेशी विकास व युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण और स्थायी रोजगार के अवसर सृजित करने पर घ्यान नही दिया गया है ।
केंद्रीय बजट 2025-26 भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह बजट आर्थिक विकास पर केंद्रित आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास के लिये है।
- 14 Sep, 2025
Suggested:
- 2025 की संवैधानिक वैधता
- 25 अगस्त 2025 को शेयरों के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और सुझाव
- भारतीय रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर पर: कारण
- गैंगस्टर अजय ठाकुर
- 2025
- दक्षिण कोरिया अमेरिकी मिसाइल-रक्षा प्रणाली की तैनाती ने 2017 में चीन विरोध के हालात में सुधार
- प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
- चीन वार्षिक केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन
- वक्फ (संशोधन) अधिनियम
- डोमिनस लिटिस का सिद्धांत

12 लाख रुपये तक आयकर नहीं
Dr. Lokesh Shukla
Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management
Related posts
सोनिया गांधी के नागरिकता विवाद पर अदालत का निर्णय:नागरिकता और मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अधिकार चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के पास
11 Sep, 2025
17 mins read
196 views
AICC के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्ति: सलमान खुर्शीद अध्यक्ष :बृजेन्द्र सिंह और डॉ. आरती कृष्णा उपाध्यक्ष
20 Aug, 2025
37 mins read
107 views
Follow us
Categories
- देश विदेश (49)
- कानपुर समाचार (44)
- राजनीत (34)
- साहित्य व शिक्षा (28)
- फुटबॉल चैंपियनशिप (28)
Tags
T
2025 की संवैधानिक वैधता
25 अगस्त 2025 को शेयरों के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और सुझाव
भारतीय रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर पर: कारण
गैंगस्टर अजय ठाकुर
2025
दक्षिण कोरिया अमेरिकी मिसाइल-रक्षा प्रणाली की तैनाती ने 2017 में चीन विरोध के हालात में सुधार
प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
चीन वार्षिक केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन
वक्फ (संशोधन) अधिनियम
डोमिनस लिटिस का सिद्धांत
Lastest Post
L
Your experience on this site will be improved by allowing cookies
Cookie Policy