• 07 Jun, 2025

डा मुकेश कुमार सिह पूर्व निदेशक वस्त्र संस्थान कानपुर द्वारा रचित बंजारा समाज का लोकार्पण समारोह वस्त्र संस्थान मे दिनांक 5 जनवरी 2025 को प्रातः 10.30 पर

डा मुकेश कुमार सिह पूर्व निदेशक वस्त्र संस्थान कानपुर द्वारा रचित बंजारा समाज  का लोकार्पण समारोह  वस्त्र संस्थान मे दिनांक 5 जनवरी 2025 को प्रातः 10.30 पर

डा मुकेश कुमार सिह पूर्व निदेशक वस्त्र संस्थान  कानपुर द्वारा रचित बंजारा समाज 
 लोकार्पण समारोह  सेवयोजन प्रेक्षागार वस्त्र संस्थान मे दिनांक 5 जनवरी 2025 को प्रातः 10.30 पर
बंजारा समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिये ठोस कदम
श्री सिेहं मूलतः आई आई टी दिल्ली से टेक्सटाइल मे पीयच. डी. व वस्त्र संस्थान कानपुर मे प्राफेसर
लेखन के प्रति योजन उनके जीवन का नया सोपान 
डा मुकेश कुमार सिह के प्रयासो  को अतीत से बेहतर भविष्यको शुभकामनाये 
सभी से अनुरोध है कि प्रयास को और अधिक सार्थक बनाये ।
कानपुर 5 जनवरी 2025  
कानपुर 5 जनवरी 2025      डा मुकेश कुमार सिह पूर्व निदेशक उत्तर प्रदेश टेस्टाइल टेक्नालाजी सस्थान कानपुर द्वारा रचित बंजारा समाज नामक रचना का लोकार्पण समारोह  सेवयोजन प्रेक्षागार वस्त्र संस्थान मे दिनांक 5 जनवरी 2025 को प्रातः 10.30 पर आयोजित है । इस पुस्तक की लगभग 10 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है । श्री सिेहं मूलतः आई आई टी दिल्ली से टेक्सटाइल टेक्नालाजी मे पीयच. डी. व वस्त्र संस्थान कानपुर मे प्राफेसर है । उनका लेखन के प्रति योजन उनके जीवन का नया सोपान है ।
डा सिह अपने जीवन मे महत्वपूर्ण मोड़ ला रहे है । उनका लेखन केवल एक कौशल , आत्म- और व्यक्तिगत विकास का साधन है। वह अन्य तरीकों से अपने विचारों को स्पष्टता और संगठन के साथ व्यक्त कर जीवन को नया सोपान प्रख्यापित कर रहे है ।
डा सिह टेक्सटाइल टेक्नालाजी मे प्राफेसर के साथअपनी भावनाओं और अनुभवों को साझा कर रहे है । जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी व मन की शांति देता है।
डा सिह अपनी अच्छी लेखन क्षमता से सामाजिक संचार विचारों और भावनाओं को साझा कर समाज से संबंध मजबूत कर रहे है । नियमित रूप से लिख कर अपने नए विचारों और दृष्टिकोणों का विकास कर समाज व सस्थान के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे है ।
डा सिह की पुस्तके उनके आत्म-संवेदी, सामाजिक संचार, मानसिक स्वास्थ्य और अनुभवों को गहराई से समझने का मौका है।
रचित बंजारा समाज नामक रचना के अनुसार   भारत की सदियों प्राचीन और घुमंतू जनजाति है, इनकी संस्कृति और इतिहास  मुख्य रूप से राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक में निवास करता है। बंजारा समाज का नाम "गोर" या "लमाणी" भी  है इनकी उत्पत्ति लगभग 6000 से 7000 साल पूर्व से  यूरेशियन (आर्य) लोगों से हुयी है,  इनका मुख्य व्यवसाय भारत और अन्य देशों के बीच   परिवहन और व्यापार था व   है
मुगलों और अंग्रेजों के शासन में  बंजारा समाज लोगों ने कई संघर्षों का सामना किया उनकी संस्कृति,   पारंपरिक भाषाएँ,  धार्मिक विश्वास,  विवाह संबंधी परंपराएँ,  पारंपरिक पहनावा   गहनों में चांदी, कौड़ी,  कांच का उपयोग और विभिन्न शिल्पकलाओं से भरा होता है।  बंजारा समाज की नृत्य और संगीत परंपराएँ भिन्न   हैं जिन्हे विवाह और तीज त्योहारों में  प्रदर्शन करते हैं  
संत सेवालाल महाराज, बंजारा समुदाय के सुधारक  प्रमुख धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व रहे हैं। उन्हें बंजारा समाज का सुधारक माना जाता है और उनकी जयंती व्यापक स्तर पर मनाई जाती है।
डा मुकेश कुमार सिह पूर्व निदेशक उत्तर प्रदेश टेस्टाइल टेक्नालाजी सस्थान कानपुर का लोर्कापण   भारतीय परंपरा और विविधता का एक अभिन्न अंग  बंजारा समाज  की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिये ठोस कदम  है ।
 डा अम्बेदकर जी के शब्द याद कर कुछ ऐसा लिख जाये कि लोग उन्हे पढे या कुछ ऐसा कर जाये कि लोग उन पर लिखे की निरन्तरता मे  डा मुकेश कुमार सिह के प्रयासो  को अतीत से बेहतर भविष्यको शुभकामनाये प्रेषित सभी से अनुरोध है कि प्रयास को और अधिक सार्थक बनाये ।

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management