मुकेश कुमार सिंह अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक, कुशल प्रशासक, और सफल कवि
कई भाषाओ मे टेक्सटाइल के विभिन्न विषयो पर कई पुस्तकें प्रकाशित
हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान
काव्यकृति "बन्जारा" व मुक्तक संग्रह "दुपट्टा", अन्तर्राष्ट्रीयत्मक रूप में प्रस्तुत
कानपुर 5 जून, 2025,
मुकेश कुमार सिंह उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने सोशल मीडिया मे नया काव्य कृति अंश चुराना ही निशना है 5 जून, 2025 को पोस्ट किया है जिसको व्यापक अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकारिता व प्रसंशा मिल रही है ।
मुकेश कुमार सिंह उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर एक अन्तर्राष्ट्रीय कुशल शिक्षक प्रशासक और सफल कवि हैं। उनका जन्म 15 जून 1970 को हुआ था, और वे 16 सितंबर 1999 से इस संस्थान में कार्यरत है।
मुकेश कुमार सिंह ने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेष रूप से कविताओं के क्षेत्र में। उनके हालिया प्रकाशित "दुपट्टा", एक मुक्तक संग्रह है, जिसमें वे नारी के विभिन्न भावनात्मक आयामों को संदर्भित करते हैं. इस संग्रह में उन्होंने दुपट्टे के माध्यम से नारी के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संदर्भों को अन्तर्राष्ट्रीयत्मक रूप में प्रस्तुत किया है।
उनकी एक और काव्यकृति "बन्जारा" है, जिसमें वे बंजारा समुदाय के जीवन और मनोदशाओं को गहराई से उकेरते हैं। इस संग्रह में उन्होंने न केवल बंजारा जाति की कठिनाइयों को दर्शाया, बल्कि राष्ट्रधर्म और पुरखों की इज्जत को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया है.
मुकेश कुमार सिंह ने यूपीटीटीआई के नियमित चयनित निदेशक के रूप में कार्य किया है और वर्तमान में प्रोफेसर और शैक्षणिक डीन के रूप में कार्यरत व तकनीकी शिक्षा में शिक्षक और प्रशासक का व्यापक अनुभव है, श्री सिंह ने विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल्स में सैकड़ों शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्होंने शिक्षण और शोध के क्षेत्र में अनेक सम्मान प्राप्त किए हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ तकनीकी शिक्षक के पुरस्कार शामिल हैं.
मुकेश कुमार सिंह ने हमेशा शिक्षण शैली में नवीनता ला और छात्रों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ साहित्य के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया है। उन्होंने कई भाषाओ मे टेक्सटाइल के विभिन्न विषयो पर कई पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिससे अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों को तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने में सहायता मिली है.
मुकेश कुमार सिंह की कविताएं साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण व सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित हैं। उनकी रचनाओं में समाज के विभिन्न पहलुओं नारी का सम्मान, संस्कृति की रक्षा और सामाजिक एकता के प्रति जागरूकता का वर्णन किया गया है .
मुकेश कुमार सिंह शैक्षणिक और साहित्यिक क्षेत्रों में अपने कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु प्रयासरत हैं। उनकी सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली शैली पाठकों को एक नई जागरूकता देती है।