प्रमुख कवि डॉ. सुरेश अवस्थी दैनिक जागरण के बड़े भाई, पंडित रघुराज शरण अवस्थी जी का आज प्रातः गुणगांव में निधन
पार्थिव शरीर कानपुर में दो बजे तक पहुँच जाएगा।
शवयात्रा अपरान्ह तीन बजे हमारे निवास नवीन नगर, काकादेव (अरविंद विद्या मंदिर) से भैंरवघाट के लिए प्रस्थान करेगी।
सम्पूर्ण साहित्य जगत स्तब्ध
टेलीकास्टटूडे की ओर से समस्त शोकाकुल अवस्थी परिवार और परिजनों को संवेदनाएँ ।
पार्थिव शरीर कानपुर में दो बजे तक पहुँच जाएगा।
शवयात्रा अपरान्ह तीन बजे हमारे निवास नवीन नगर, काकादेव (अरविंद विद्या मंदिर) से भैंरवघाट के लिए प्रस्थान करेगी।
सम्पूर्ण साहित्य जगत स्तब्ध
टेलीकास्टटूडे की ओर से समस्त शोकाकुल अवस्थी परिवार और परिजनों को संवेदनाएँ ।
कानपुर:25 दिसंबर, 2024
कानपुर:25 दिसंबर, 2024 प्रमुख कवि डॉ. सुरेश अवस्थी दैनिक जागरण ने अत्यंत दुख के साथ सूचना दी कि बहुत ही दुःखद समाचार है कि हमारे बड़े भाई, पंडित रघुराज शरण अवस्थी जी का आज प्रातः गुणगांव में निधन हो गया। पंडित अवस्थी जी, जो मानस मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, का पार्थिव शरीर कानपुर में दो बजे तक पहुँच जाएगा। उनकी शवयात्रा अपरान्ह तीन बजे हमारे निवास नवीन नगर, काकादेव (अरविंद विद्या मंदिर) से भैंरवघाट के लिए प्रस्थान करेगी।
पंडित रघुराज शरण अवस्थी जी का योगदान भारतीय आध्यात्मिकता और संस्कृति में महत्वपूर्ण था। उनका निधन हाल ही में हुआ, जिससे कानपुर के आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है[
वे एक प्रतिष्ठित विद्वान और समाज सुधारक थे, जिन्होंने न केवल धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए भी فعالیت की। उनका ज्ञान और शिक्षाएं भक्तों के बीच व्यापक रूप से प्रसिद्ध थीं। उनकी शिक्षाएँ और प्रवचन युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
अवस्थी जी की विद्वत्ता ने अनेक भक्तों को प्रभावित किया और उनके कार्यों ने साहित्य, संस्कृति और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में गहरी छाप छोड़ी। उनका योगदान आज भी कई लोगों द्वारा याद किया जाता है और उनकी शिक्षाओं का पालन किया जाता है।
प्रमुख कवि डॉ. सुरेश अवस्थी दैनिक जागरण उनके छोटे भाई है हैं,। डॉ. सुरेश अवस्थी एक प्रमुख कवि और साहित्यकार हैं, जिनका जन्म 15 फरवरी 1953 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने अपने लेखन में हास्य और व्यंग्य की विशेषता दिखाई है और उनके कई कार्य प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें "हास्य-व्यंग्य सरताज," "मैं गंगा बोल रही हूँ," और "भीतर घाम, बारह छाँव" शामिल हैं.डॉ. अवस्थी ने अपने साहित्यिक करियर में कई पुरस्कार भी जीते हैं, जैसे विक्रमादित्य अलंकरण और राष्ट्रपति का सम्मान उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान है...
उनके निधन पर समस्त शोकाकुल अवस्थी परिवार और उनके परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ हैं व्यक्त करने वालो मे सर्वश्री लक्ष्मीशंकर बाजपेयी सदस्य राज्यसभा, श्री प्रमोद तिवारी सदस्य राज्यसभा, लवी गम्भीर, पार्षद, लाजपत नगर, अनिल यादव, पुर्व प्रान्तीय अध्यक्ष कान्ग्रेस उत्तर प्रदेश, भवानी भीख तिवारी राश्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय स्वमेवक संघ, राजेश्वर तिवारी, जिलाशासकीय अधिवक्ता, वीारेन्द कुमार सिंह वीरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बार एसोशियेसन, रमेश कुन्डे सदस्य यस सी, यस टी आयोग सहित प्रदेश, श्री अज़य माकन कोषाध्यक्ष राष्ट्रीय कान्ग्रेस कमेटी श्री प्रकाश जैसवाल पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजीव शुक्ला अध्यक्ष बी. सी. सी आई. दिलीप शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार सहित सम्पूर्ण साहित्य जगत स्तब्ध है ।
कानपुर:25 दिसंबर, 2024 प्रमुख कवि डॉ. सुरेश अवस्थी दैनिक जागरण ने अत्यंत दुख के साथ सूचना दी कि बहुत ही दुःखद समाचार है कि हमारे बड़े भाई, पंडित रघुराज शरण अवस्थी जी का आज प्रातः गुणगांव में निधन हो गया। पंडित अवस्थी जी, जो मानस मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, का पार्थिव शरीर कानपुर में दो बजे तक पहुँच जाएगा। उनकी शवयात्रा अपरान्ह तीन बजे हमारे निवास नवीन नगर, काकादेव (अरविंद विद्या मंदिर) से भैंरवघाट के लिए प्रस्थान करेगी।
पंडित रघुराज शरण अवस्थी जी का योगदान भारतीय आध्यात्मिकता और संस्कृति में महत्वपूर्ण था। उनका निधन हाल ही में हुआ, जिससे कानपुर के आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है[
वे एक प्रतिष्ठित विद्वान और समाज सुधारक थे, जिन्होंने न केवल धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए भी فعالیت की। उनका ज्ञान और शिक्षाएं भक्तों के बीच व्यापक रूप से प्रसिद्ध थीं। उनकी शिक्षाएँ और प्रवचन युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
अवस्थी जी की विद्वत्ता ने अनेक भक्तों को प्रभावित किया और उनके कार्यों ने साहित्य, संस्कृति और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में गहरी छाप छोड़ी। उनका योगदान आज भी कई लोगों द्वारा याद किया जाता है और उनकी शिक्षाओं का पालन किया जाता है।
प्रमुख कवि डॉ. सुरेश अवस्थी दैनिक जागरण उनके छोटे भाई है हैं,। डॉ. सुरेश अवस्थी एक प्रमुख कवि और साहित्यकार हैं, जिनका जन्म 15 फरवरी 1953 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने अपने लेखन में हास्य और व्यंग्य की विशेषता दिखाई है और उनके कई कार्य प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें "हास्य-व्यंग्य सरताज," "मैं गंगा बोल रही हूँ," और "भीतर घाम, बारह छाँव" शामिल हैं.डॉ. अवस्थी ने अपने साहित्यिक करियर में कई पुरस्कार भी जीते हैं, जैसे विक्रमादित्य अलंकरण और राष्ट्रपति का सम्मान उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान है...
उनके निधन पर समस्त शोकाकुल अवस्थी परिवार और उनके परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ हैं व्यक्त करने वालो मे सर्वश्री लक्ष्मीशंकर बाजपेयी सदस्य राज्यसभा, श्री प्रमोद तिवारी सदस्य राज्यसभा, लवी गम्भीर, पार्षद, लाजपत नगर, अनिल यादव, पुर्व प्रान्तीय अध्यक्ष कान्ग्रेस उत्तर प्रदेश, भवानी भीख तिवारी राश्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय स्वमेवक संघ, राजेश्वर तिवारी, जिलाशासकीय अधिवक्ता, वीारेन्द कुमार सिंह वीरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बार एसोशियेसन, रमेश कुन्डे सदस्य यस सी, यस टी आयोग सहित प्रदेश, श्री अज़य माकन कोषाध्यक्ष राष्ट्रीय कान्ग्रेस कमेटी श्री प्रकाश जैसवाल पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजीव शुक्ला अध्यक्ष बी. सी. सी आई. दिलीप शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार सहित सम्पूर्ण साहित्य जगत स्तब्ध है ।