• 14 Sep, 2025

नीलम चतुर्वेदी की सोशल मीडिया पोस्ट से एक लड़की ने हत्या से बड़ा अपराध कर के - निशांत को आत्म हत्या के लिये मजबूर किया

नीलम चतुर्वेदी की सोशल मीडिया पोस्ट से एक लड़की ने हत्या से बड़ा अपराध कर के - निशांत को आत्म हत्या के लिये मजबूर किया

एक लड़की ने हत्या से बड़ा अपराध कर के निशांत को आत्म हत्या के लिये मजबूर किया
नीलम चतुर्वेदी ने अपने बेटे निशांत का सबसे बड़ा सहारा मानती थीं।
अब अपने बेटे के बिना खुद को एक "जिंदा लाश" महसूस कर रही हैं।
18 साल की उम्र में पहली बार आंदोलन के दौरान गिरफ्तार
नीलम चतुर्वेदी महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता
कानपुर 2 अगस्त 2025
Neelam Chaturvedi 1 घंटा ·

शुक्रिया मेरे बेटे,
आज रात कितना सेलिब्रेट करते थे
3 अगस्त को तुम मेरी जिंदगी में आए थे, कल तुम्हारा जन्मदिन है "3 अगस्त"
मेरे बच्चे मेरी जिंदगी में आने के लिए, मुझे इतना प्यार और सुख देने के लिए , सचमुच मैं तुम्हारी शुक्रगुजार हूं और उसकी भी जिसने तुम्हें मेरी जिंदगी में भेजो तुम मेरी जिंदगी, मेरी दुनिया हो
काश कोई सिखा दिया कि तुम्हारे बिना कैसे जिए हम बहुत कोशिश कर रहे हैं
हम तीनों में मेरी बेटी और मेरा बेटा बहुत खुश थे मेरा बेटा बहुत खुश था फ्लाई कर रहा था
लेकिन
"एक लड़की उसकी जिंदगी में आई
जिसको उसने बेइंतहा प्यार किया लेकिन उसने हम सबको और मेरे बेटे को इतनी मानसिक यंत्रणाएं
दी कि हमने तो बर्दाश्त कर लिया लेकिन मेरा बेटा बर्दाश्त नहीं कर पाया
यह अपराध किसी हत्या से बड़ा अपराध होता है किसी को लगातार इतनी ज्यादा मानसिक यातनाएं देने का की व्यक्ति खुद को खत्म कर दे"
Neelam Chaturvedi, NuXCjj8PrzG.png उदास महसूस कर रहे हैं.
28 फ़रवरी · #Nishanttripathi
दोस्तों, मैं नीलम चतुर्वेदी। आप मुझे एक ज़िंदा इंसान के रूप में देख रहे हैं, लेकिन सच यह है कि मैं मर चुकी हूं
आज मैं खुद को एक जिंदा लाश की तरह महसूस कर रही हूं। मैंने 16 साल की उम्र से लेकर 45 सालों तक पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ महिलाओं के अधिकारों, समाज में लैंगिक समानता लाने और भेदभाव मिटाने के लिए अपना हर एक लम्हा समर्पित किया।
18 साल की उम्र में पहली बार आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुई और फिर यह सिलसिला जारी रहा—अनगिनत संघर्ष, आंदोलन, न्याय के लिए लड़ाई। मैंने सखी केंद्र और अन्य माध्यमों से 46,000 से अधिक पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को दूर करने में उनकी मदद की, 37,000 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया, और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें रोजगार और प्रशिक्षण दिलवाया।
मैंने कभी कोई लालच नहीं किया। ना बैंक बैलेंस बनाया, ना संपत्ति जुटाई। मेरी संपत्ति बस लोगों का प्यार और सम्मान था, जो मुझे देश-विदेश तक मिला। अपने दो बच्चों को अकेले पाला, और इस पर हमेशा गर्व किया। लेकिन मैंने कभी शिकायत नहीं की, बल्कि ईश्वर का भी शुक्रिया अदा करती रही।
मैंने कभी भी प्रभु से शिकायत नहीं की
मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ
मेरे दोनों बच्चे मुझे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, हमसफ़र और हमदर्द था। वह मेरी ताकत था, जिसने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी।
मेरी जिंदगी अब खत्म हो गई है
मेरा बेटा, निशांत मुझे छोड़ कर चला गया
मैं अब एक जिंदा लाश बन गई हूं
उसे मेरा मृत्यु का संस्कार करना था लेकिन
मैंने आज 2 मार्च को अपने बेटे का दाह संस्कार "ECO-MOKSHA" Mumbai मे कर दिया है
मेरी बेटी प्राची ने अपने बड़े भाई का अंतिम संस्कार किया
मुझे व मेरी बेटी प्राची को हिम्मत दो ताकि मैं इतना बड़ा वज्रपात सहन कर सकूं
. कल अंतिम संस्कार के समय यहां मेरे दोस्त कुछ परिवार के लोग भी थे लेकिन निशांत को चाहने वाले लोग सबसे ज्यादा थे लेकिन सच बात तो यह है कि सारे लोग परिवार से कम नहीं थे जिन एक्टर्स, डायरेक्टर्स ने निशांत के साथ काम किया था वह भी उसे अपने परिवार का हिस्सा जैसे ही मानते थे
उसके दोस्तों को जो भाई से भी बढ़कर उसके लिए थे उन्हें देखकर समझ में आया कि बाप रे इतने सारे लोग मेरे बेटे को इतना प्यार करते थे लेकिन उसने किसी को भी नहीं बताया कि मैं इतना बड़ा हादसा करने वाला हूं
नीलम चतुर्वेदी महिला मानवाधिकार रक्षक कार्यकर्ता हैं । वह भारत में लैंगिक और जातिगत हिंसा के बारे में जागरूकता फैलाने और महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए नेटवर्क बनाने का काम करती हैं। वह क्षमता निर्माण के माध्यम से लोकतांत्रिक संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और बेघर बच्चों तथा बाल श्रम में लिप्त बच्चों के लिए पुनर्वास और परामर्श सेवाओं को बढ़ावा देने का प्रयास करती हैं । उन्होंने अपने क्षेत्र में पहला महिला आश्रय गृह स्थापित किया और अपने समुदाय में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान चलाती हैं। महिला अधिकारों के लिए उनके काम को एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा उजागर किया गया है। 1970 के दशक में एक ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता के रूप में, वह ट्रेड यूनियन आंदोलन के भीतर और समग्र रूप से भारतीय समाज में महिलाओं के मुद्दों पर काम करने में शामिल हो गईं। उन्होंने महिला श्रमिकों को शारीरिक और मानसिक हिंसा, दहेज प्रथा, बलात्कार, वेश्यावृत्ति और यौन उत्पीड़न के मुद्दों को उठाने के लिए संगठित किया।

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management