चुनाव में लेबर पार्टी ने 150 में से 85 सीटें पिछले चुनाव में 78 सीटें
जीत उनकी नीतियों और नेतृत्व के प्रति जनता का विश्वास
राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती
पीएम का दूसरी बार बनना ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण
2004 में लिबरल पार्टी के जॉन हॉवर्ड 2004 में दो बार चुनाव जीते थे
कानपुर 13 , मई, 2025:
12 मई, 2025 ऑस्ट्रेलिया में चुनावों में लेबर पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है, एंथनी अल्बनीज़ लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। इस चुनाव में लेबर पार्टी ने 150 में से 85 सीटें जीती हैं, जो पूर्ण बहुमत से काफी अधिक है, पिछले चुनाव में उनके पास 78 सीटें थी। इस प्रबल समर्थन के साथ एंथनी अल्बनीज़ लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए हैं।
लेबर पार्टी की जीत को देश में उनकी नीतियों और नेतृत्व के प्रति जनता के बढ़ते विश्वास के रूप में देखा जा रहा है। परिणाम ने पार्टी को मजबूती और सत्ता प्रदान की है, वे अपने चुनावी वादों को प्रभावी ढंग से लागू कर सकेंगे। यह राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती को दर्शाती है।एंथनी अल्बनीज़ पिछले 21 वर्षों में लगातार दूसरी बार पीएम बनने वाले पहले नेता है । पीएम का दूसरी बार बनना ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण है । 2004 में लिबरल पार्टी के जॉन हॉवर्ड ने दो बार चुनाव जीते थे, जिसके बाद छह अन्य ने पीएम पद संभाला परन्तु कभी भी कोई नेता वापस नहीं लौटा ।अल्बनीज़ ने चुनाव में जीत के बाद कहा, "ऑस्ट्रेलियाई जनता ने विभाजन के बजाय एकता को चुना"। उन्होने यह भी कहा कि उनकी सरकार जितनी अनुशासित और संगठित पहले कार्यकाल में थी वैसी ही अगली सरकार में भी होगी।
विपक्षी नेता पीटर डटन ने हार स्वीकार की और अल्बनीज़ को बधाई दी। उनके पिछले चुनाव से कम सीटें जीतने का परिणाम विपक्ष के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है।
अल्बनीज़ का फिर से पीएम बनना एक प्रगति हैपरन्तु उन पर विभिन्न प्रकार वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, महंगाई और कोविड-19 के प्रभावों से निपटने के दबाव भी होंगे।
उनका लक्ष्य अपने दूसरे कार्यकाल में सार्वजनिक आवास, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम होंगा ।
ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी की यह निर्णायक जीत और एंथनी अल्बनीज का पुनः प्रधानमंत्री बनना देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नए अध्याय की शुरुआत व परिणाम पार्टी के साथ पूरे देश के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है। एंथनी अल्बनीज़ की दूसरे कार्यकाल में वापसी ऑस्ट्रेलियाई जनसंख्या के लिए एक नई उम्मीद व चुनौतियाँ हैं ।
ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है।
18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी।तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो द्वारा 1606 में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई।
1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी, मेलबर्न, ब्रिस्बेन, पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है।
प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार. ऑस्ट्रेलियाई शहरों को जीवन कुशलता, सांस्कृतिक प्रस्तावों और जीवन-स्तर के क्षेत्र में दुनिया में उच्च स्थान दिया जाता है। यह कई संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र, जी-20मुख्य अर्थव्यवस्थाएँ, राष्ट्र मंडल देशों, ANZUS, OECD और विश्व व्यापार संगठन (WTO) का सदस्य |
- 07 Jun, 2025
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