बारह श्रमिक फंसे
खनिकों को जीवित बाहर निकालने के प्रयास जारी
देश की कोयला खदानों में मुख्य रूप से गैस दुर्घटनाएं आम हैं।
खदान श्रमिकों के श्रमिक संघ ने शिकायत है कि सुरक्षा की कमी और खराब काम करने की स्थिति लगातार दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं।
.पिछले साल जून में क्वेटा से करीब 50 किलोमीटर दूर संजदी इलाके में एक कोयला खदान के अंदर मीथेन गैस की चपेट में आने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी। पीड़ितों में नौ कोयला खनिक, एक कोयला कंपनी प्रबंधक और एक ठेकेदार शामिल थे।
.उन्होंने कहा, ''गैस विस्फोट शुरू होने के समय कोयला खनिक खदान में करीब 1,500 फुट गहराई तक काम कर रहे थे। बलूचिस्तान में खदानों के मुख्य निरीक्षक अब्दुल गनी शाहवानी ने बताया सभी कोयला खनिक बेहोश हो गए।
खदान मालिक पर कथित लापरवाही के लिए मामला दर्ज किया गया है। बलूचिस्तान सरकार की शिकायत पर दर्ज मामले में सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने में विफल रहने पर अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
विस्फोट के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपायों की योजना बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही, खनिकों के लिए बेहतर सुरक्षा मानकों और कार्य के वातावरण में सुधार के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है। इस प्रकार की घटनाएँ केवल एक उद्योग की चुनौती नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी भी हैं।
क्वेटा के निकट खदान में हुए विस्फोट ने हम सभी को प्राथमिकता के रूप में खनिकों की सुरक्षा को रेखांकित करने की आवश्यकता महसूस कराई है। आशा है कि संबंधित विभाग प्रभावी कार्रवाई करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
खनन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का पालन अक्सर देखा नहीं जाता। खदानों में होने वाली इस प्रकार की दुर्घटनाएँ खनिकों के जीवन के प्रति गंभीर खतरा हैं। सरकार और संबंधित संस्थाओं को चाहिए कि वे इस घटनाक्रम पर त्वरित प्रतिक्रिया दें और खनिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें।
यह खनन उद्योग, खनिकों की सुरक्षा, और काम की समस्या खतरनाक परिस्थितियों को उजागर करती है।