शिकोहाबाद में विद्यालय से घर आते समय मार्ग दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल
उपचार के दौरान फ़िरोज़ाबाद में उनका निधन
निधन एक मार्ग दुर्घटना के कारण
चरणों में शत शत नमन
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट से
कानपुर 21 जुलाई 2025
मुझ जैसे गाँव के एक अनपढ़ को प्रोफेसर तक बनाने बाली मेरी देवी तुल्य पूज्य भाभीजी (श्रीमती शशी जादोन) शिकोहाबाद में विद्यालय से घर आते समय मार्ग दुर्घटना (बाइक के टक्कर मर देने के कारण) में गंभीर रूप से घायल हुईं, फिर उपचार के दौरान फ़िरोज़ाबाद में उनका निधन हो गया, सब कुछ एक मिनट में बिखर गया, और में एक बार फिर अनाथ हो गया,
उनके चरणों में शत शत नमन, ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें
ॐ शांति
मुकेश कुमार सिंह की माता तुल्य भाभीजी को श्रद्धांजलि
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट से
कानपुर 21 जुलाई 2025
मुझ जैसे गाँव के एक अनपढ़ को प्रोफेसर तक बनाने बाली मेरी देवी तुल्य पूज्य भाभीजी (श्रीमती शशी जादोन) शिकोहाबाद में विद्यालय से घर आते समय मार्ग दुर्घटना (बाइक के टक्कर मर देने के कारण) में गंभीर रूप से घायल हुईं, फिर उपचार के दौरान फ़िरोज़ाबाद में उनका निधन हो गया, सब कुछ एक मिनट में बिखर गया, और में एक बार फिर अनाथ हो गया,
उनके चरणों में शत शत नमन, ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें
ॐ शांति
मुकेश कुमार सिंह की माता तुल्य भाभीजी को श्रद्धांजलि
जीवन मृत्यु संसार का शाश्वत नियम होता है, जिसमे आवागमन का नियम सब जीवित प्राणियों पर लागू होता है।अपनों को खोने का दर्द शायद वही लोग समझ सकते है जो इस परिस्थिति से गुजरते है, जिसको शब्दों में बयान करना असंभव है।कुछ मानव योनि में आकर ऐसे श्रेष्ठ कर्म करके चले जाते है, जिनके याद हर पल आती है ।हम श्रद्धांजलि अर्पण कर उनके प्रति कृतग्यता प्रकट करते है।
कानपुर 21 जुलाई 2025
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह की भाभीजी श्रीमती शशी जादोन, जिनका आकस्मिक निधन हुआ, एक दुखद और कठिन परिस्थिति है। उन्होंने अपने परिवार और समाज के लिए बहुत मेहनत की और उनके अचानक चले जाने से उनके परिवार में एक गहरी खाली जगह बनी है।
उनका निधन एक मार्ग दुर्घटना के कारण हुआ, जिसमें वे बाइक के टक्कर से गंभीर रूप से घायल हुईं। इलाज के दौरान, उनके लिए संघर्ष करना बहुत कठिन था और अंततः, फीरोजाबाद में उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना से परिवार सहित पूरे गाँव के लिए एक बड़े सदमे की तरह है, विशेषकर उनके लिए जिन्होंने उन्हें करीबी से जाना।
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह भाभी तुल्य माताजी के मार्गदर्शन और समर्थन के कारण ही संभव हुआ। ऐसे में, उनके परिवार और प्रियजनों के लिए यह समय बहुत कठिन है, और उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसे समय में एक-दूसरे का सहारा बनना बहुत महत्वपूर्ण है।
उनकी यादें और शिक्षाएं हमेशा उनके परिवार के साथ रहेंगी, और उनके निधन से जो शून्य बना है, उसे भर पाना असंभव है ।
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह की भाभीजी श्रीमती शशी जादोन, जिनका आकस्मिक निधन हुआ, एक दुखद और कठिन परिस्थिति है। उन्होंने अपने परिवार और समाज के लिए बहुत मेहनत की और उनके अचानक चले जाने से उनके परिवार में एक गहरी खाली जगह बनी है।
उनका निधन एक मार्ग दुर्घटना के कारण हुआ, जिसमें वे बाइक के टक्कर से गंभीर रूप से घायल हुईं। इलाज के दौरान, उनके लिए संघर्ष करना बहुत कठिन था और अंततः, फीरोजाबाद में उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना से परिवार सहित पूरे गाँव के लिए एक बड़े सदमे की तरह है, विशेषकर उनके लिए जिन्होंने उन्हें करीबी से जाना।
प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह भाभी तुल्य माताजी के मार्गदर्शन और समर्थन के कारण ही संभव हुआ। ऐसे में, उनके परिवार और प्रियजनों के लिए यह समय बहुत कठिन है, और उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसे समय में एक-दूसरे का सहारा बनना बहुत महत्वपूर्ण है।
उनकी यादें और शिक्षाएं हमेशा उनके परिवार के साथ रहेंगी, और उनके निधन से जो शून्य बना है, उसे भर पाना असंभव है ।