• 07 Jun, 2025

8वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया जा रहा है विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान थीम विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान थीम

8वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया जा रहा है विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान थीम विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान थीम

8वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया जा रहा है
विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान थीम

विशेष पर्यटक ट्रेन "प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस" का शुभारंभ 
डॉ मनसुख मंडाविया श्रम रोजगार मंत्री युवा मामले एवं खेल, भारत सरकार,   शशि थरूर कांग्रेस सांसद तिरुवनंतपुरम  व अनेक नेताओ  ने प्रवासी भारतीय दिवस पर शुभकामनाये दी

कानपुर 9 जनवरी 2025

भुवनेश्वर, ओडिशा 9 जनवरी 2025   विदेश मंत्रालय, भारत सरकार विदेश मंत्रालय  द्वारा 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया गया है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रवासी समुदाय, विशेषकर युवाओं के साथ योजन करते हुये  भारत के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है । 

इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस की थीम थी “विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान” थी। यह थीम भारतीय प्रवासियों के भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करती है
इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रोंके तीन हजार से अधिक  50 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीयों  ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया और उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष पर्यटक ट्रेन "प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस" का शुभारंभ भी किया  ।
प्रधानमंत्री ने उद्घाटन भाषण में कहा कि अप्रवासी जहां भी जाते हैं, वे उसे अपना बना लेते हैं, लेकिन उनके दिल में हमेशा भारत धड़कता है। उन्होंने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रभाव को दर्शाते हुए कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा
आयोजन का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को अपने देश के साथ कर उनके योगदान के सम्मानित कर  पारिवारिक पुनर्मिलन  है जहाँ प्रवासी देश के विकास की प्रगति देखते हये अपनो से मिल रहे है ।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन प्रवासियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ भारत की प्रगति में उनके योगदान को भी पहचान देता है। यह सम्मेलन उपस्थित हितधारकों के साथ संवाद कर नवीन सर्मथ भारत के स्रजन की अपेक्षा करता है । 
आज भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में ओमान के प्रवासी भारतीय जन, परेश भाई जी एवं अनिल भाई जी से भेंट हुई। आपकी भारतीय संस्कृति एवं धर्म के प्रति आस्था ने बहुत प्रभावित किया। इस अवसर पर मैंने आप दोनों को सपरिवार बाबा महाकाल के दर्शन हेतु आमंत्रित किया।
 

डॉ मनसुख मंडाविया श्रम और रोजगार मंत्री; युवा मामले एवं खेल, भारत सरकार ने प्रवासी भारतीय दिवस ने शुभकामनाये दी "प्रवासी भारतीय दिवस" की आप सभी को, अनंत हार्दिक शुभकामनाएं ! विशेषकर प्रवासी भारतीय जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में, उत्तम प्रदर्शन करके न केवल देश बल्कि विदेश में भी, तिरंगे का परचम लहराया है ! विदेश में भारत को, गर्वित करने के लिए हम उन्हें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे !!
शशि थरूर कांग्रेस सांसद तिरुवनंतपुरम . पूर्व राज्य मंत्री, भारत सरकार। पूर्व अवर महासचिव, ने प्रवासी भारतीय दिवस ने शुभकामनाये दी कर्म-कौशल और समर्पण से भारतीय संस्कृति की सुगंध को विश्व के हर कोने में पहुंचाने वाले सभी भारतवंशियों को 'प्रवासी भारतीय दिवस' की हार्दिक बधाई! आपके प्रयासों ने न केवल भारत के सामर्थ्य को वैश्विक पहचान दी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।
सम्पूर्ण भारत मे प्रति वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के नाम से भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को पहचान करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन 09 जनवरी 1915 को भारतीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से नस्ल विरोधी आंदोलन द्वारा ख्याति प्राप्त करने के बाद पहली बार भारत आये थे। महात्मा गांधी के भारत आगमन के दिन को यादगार बनाने के लिए भारत सरकार ने 09 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस घोषित किया था।
भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों के साथ सामंजस्य और संवाद कैसे स्थापित किया जाए इस विषय को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन प्रमुख कानूनविद लक्ष्मीमल सिंघवी की अध्यक्षता में किया गया था। प्रवासी भारतीय दिवस को पहली बार वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का सुझाव डॉ. लक्ष्मीमल सिंघवी ने वर्ष 2000 में दिया था।
प्रवासी भारतीय दिवस को उन भारतीय लोगों को सम्‍मानित किया जाता है जिन्‍होंने देश से बाहर भारत का नाम किसी भी क्षेत्र में ऊॅचा किया है। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलता है। वर्ष 2015 से पहले यह दिवस प्रत्‍येक वर्ष मनाया जाता था लेकिन 2015 के बाद से ये फैसला लिया गया कि यह दिवस दो वर्षों के अन्‍तराल से मनाया जाएगा।
प्रवासी भारतीय दिवस को मनाने का मूल अप्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच, उनकी भावनाओं के साथ अपने देशवासियों के साथ सकारात्मक मंच उपलब्ध करा के भारतवासियों को अप्रवासी बंधुओं की उपलब्धियों के बारे में बताना तथा अप्रवासियों को देशवासियों की उनसे अपेक्षाओं से अवगत कराना।
विश्व के 110 देशों में अप्रवासी भारतीयों का एक नेटवर्क है जो भारत का दूसरे देशों से बनने वाले मधुर संबंध में अप्रवासियों की भूमिका के बारे में आम लोगों को बता भारतीय अप्रवासी श्रमजीवियों को विदेश की कठिनाइयों  पर विचार-विमर्श करते है । ।
 हे प्रवासी भारतीय की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जो विश्व मे 48 देशों  में फैले  हैं इनमें 11 देशों में 05 लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और वहां की आर्थिक व राजनीतिक दशा व दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते वहाॅ की आर्थिक, शैक्षणिक व व्यावसायिक दक्षता का मजबूत आधार है।  
प्रवासी भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के कारण ही साझा पहचान मिली और  भारत से जुडे है। जहां-जहां प्रवासी भारतीय बसे वहां उन्होंने आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान की और बहुत कम समय में अपना स्थान बना लिया।
प्रवासी भारतीयों मे मजदूर, व्यापारी, शिक्षक अनुसंधानकर्ता, खोजकर्ता, डाक्टर, वकील, इंजीनियर, प्रबंधक, प्रशासक आदि के रूप में दुनियाभर में स्वीकार है। प्रवासियों की सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच, सांस्कृतिक मूल्यों परिश्रम और शैक्षणिक योग्यता को जाता है।
कई देशों में वहां के मूल निवासियों की अपेक्षा भारतवंशियों की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिससे भारत की विदेशों में छवि निखरी है। प्रवासी भारतीयों की सफलता के कारण भारत विश्व में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है।
प्रवासी भारतीय दिवस का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रवासी समुदाय के साथ संबंध मजबूत करना और उनके विकास में योगदान को मान्यता देना है। यह दिन अप्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों को पहचान प्रदान करने के लिये महत्त्वपूर्ण मंच प्रदान कर  प्रवासी भारतीयों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक योगदान को प्रचारित प्रसारित किया जाता है ।

18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया गया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रवासी समुदाय, विशेषकर युवाओं के साथ गहरा जुड़ाव स्थापित करना और भारत के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए अवसर तलाशना था।
इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस की थीम थी “विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान” थी। यह थीम भारतीय प्रवासियों के भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करती है
इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित तीन हजार से अधिक प्रवासी भारतीयों ने भाग लिया, जिसमें 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल थे. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया और उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष पर्यटक ट्रेन "प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस" का शुभारंभ भी किया
प्रधानमंत्री ने उद्घाटन भाषण में कहा कि अप्रवासी जहां भी जाते हैं, वे उसे अपना बना लेते हैं, लेकिन उनके दिल में हमेशा भारत धड़कता है। उन्होंने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रभाव को दर्शाते हुए बताया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा
आयोजन का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को अपने देश के साथ कर उनके योगदान के सम्मानित करना है। करना है। यह समारोह एक पारिवारिक पुनर्मिलन की तरह है जहाँ प्रवासी भारतीय अपने देश के विकास की प्रगति देखते हये अपनो से मिल रहे है ।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन प्रवासियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ भारत की प्रगति में उनके योगदान को भी पहचान देता है। यह सम्मेलन उपस्थित हितधारकों के साथ संवाद कर नवीन सर्मथ भारत के स्रजन की अपेक्षा करता है ।
 

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management