- राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा मे कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच तीखी बहस
- मल्लिकार्जुन खड़गे की पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां
- खड़गे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में उपस्थित नहीं
- नड्डा ने खड़गे की टिप्पणियों को असंसदीय और अपमानजनक माना और माफी की मांग
- खड़गे ने नड्डा की टिप्पणियों को अस्वीकार्य बताते हुए माफी की मांग
- बहस राजनीतिक मुद्दों के स्थान पर व्यक्तिगत अपमान और सम्मान मे परिवर्तित
- नड्डा ने खड़गे से माफी मांग राजनीतिक संवाद में गरिमा की आवश्यकता पर जोर दिया।
कानपुर 29 जुलाई 2025:
नई दिल्ली : 29 जुलाई 2025: राज्यसभा में 28 जुलाई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और बीजेपी के नेता जेपी नड्डा के बीच एक तीखी बहस हुई। इस बहस का आरंभ तब हुआ जब खड़गे ने पीएम मोदी पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे नड्डा भड़क गए परिणामस्वरूप सदन में हंगामा हुआ। मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं जबकि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में नहीं आ रहे।
खड़गे ने कहा कि सरकार की नीतियों को लेकर उनके कई गंभीर सवाल थे, जिनमें यह भी शामिल था कि पहलगाम आतंकवादी हमले की आशंका के बावजूद सरकार ने दौरा क्यों रद्द किया।
नड्डा ने खड़गे के शब्दों को असंसदीय मानते हुए कहा कि खड़गे को अपनी पार्टी से इतना जुड़ाव नहीं रखना चाहिए कि वे प्रधानमंत्री की गरिमा का ध्यान न रखें。 नड्डा के इस बयान पर खड़गे ने कहा कि वह इसे आसानी से नहीं छोड़ने वाले हैं और उन्होंने नड्डा से साफ तौर पर माफी की मांग की फिर जब विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू किया,
खरगे ने अपने बयानों के लिए नड्डा से माफी की मांग की, यह कहते हुए कि कुछ नेताओं का वह सम्मान करते हैं, जिनमें नड्डा भी शामिल हैं। उन्होंने नड्डा की टिप्पणियों को अस्वीकार्य बताया और कहा कि उन्हें अपने शब्दों के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। इस बीच, नड्डा ने खरगे के बयानों की निंदा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक लोकप्रिय नेता हैं और खरगे का मानसिक संतुलन खोना स्पष्ट है, जिससे कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
यह बहस फिर से ज्वलंत हो गई जब खड़गे ने नड्डा को बताया कि उनके अनुसार, उन शब्दों का उपयोग करना उनके कद के अनुरूप नहीं था, और यह अपमानजनक था। सदन में बहस राजनीतिक मुद्दों को उठाने के स्थान पर व्यक्तिगत अपमान और सम्मान मे परिवर्तित हो गई।
जेपी नड्डा ने अंत में खरगे पर की गई अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगी और कहा कि उन्होंने खरगे का सम्मान किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि अगर उनकी टिप्पणियों से खरगे को ठेस पहुंची है तो वह क्षमा मांगते हैं। नड्डा ने यह भी जोर दिया कि खरगे को अपनी टिप्पणियों में प्रधानमंत्री की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए दर्शाता है कि राजनीतिक संवाद में गरिमा बनाए रखना महत्वपूर्ण है।