• 08 Jun, 2025

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम एनएचआरसी के अध्यक्ष रिटायर्ड न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा का बीते एक जून को कार्यकाल पूरा हो गया था एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती सयानी को कार्यवाहक अध्यक्ष कार्यरत थी चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, दोनों सदनों के विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उपसभापति सदस्यो की समित द्वारा

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम  एनएचआरसी  के अध्यक्ष   
रिटायर्ड न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा का बीते एक जून को कार्यकाल पूरा हो गया था  
एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती सयानी को कार्यवाहक अध्यक्ष  कार्यरत थी   
चयन   प्रधानमंत्री की अध्यक्षता  में लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, दोनों सदनों के विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उपसभापति  सदस्यो की समित द्वारा

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नई दिल्ली 23 दिसम्बर 2024  
नई दिल्ली  गृह मंत्रालय भारत सरकार के सयुक्त सचिव श्री नीारज कुमार बपसोड आई.. ए. यस. द्वारा जारी पत्र संख्या डी. औ. न. 15011/05/2024/यच. आर.-111 दिनांक 23 दिसम्बर 2024  द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को  राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनका यह कार्यभार पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद शुरू हुआ। 
जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल एक जून को समाप्त हुआ था और  पद  कुछ समय से खाली था  जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा की नियुक्ति की आलोचना  हुई थी, उनके  बयानों व फैसलों के कारण प्रधानमंत्री ने प्रशंसा करते हुए उन्हें एक 'दूरदर्शी नेता' बताया था, जिससे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्वतंंत्रता पर सवाल उठे थे इसके अलावा, कुछ मानवाधिकार संगठनों ने उनकी नियुक्ति का विरोध करते हुये   यह तर्क दिया था कि आयोग के अध्यक्ष के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को चुना जाना चाहिए था जो मानवाधिकारों में दक्ष  हो ।
 जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने 2021 में  पद का कार्यभार संभाला और उनकी प्राथमिकता बाल कल्याण, मानवाधिकारों की सुरक्षा और कार्यप्रणाली में सुधार करना था ।
जस्टिस रामासुब्रमण्यम को मानवाधिकारों के सम्बंध में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और आयोग की स्वायत्त  कार्यप्रणाली को बरकरार रखना  होगा।
जस्टिस रामासुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण निर्णय के लिये याद किये जाते है । 
जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम का जन्म 30 जून, 1958 में हुआ। चेन्नई के विवेकानंद कॉलेज से उन्होंने बीएससी की। मद्रास लॉ कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बार के सदस्य के रूप में खुद का नामांकन कराया। मद्रास हाईकोर्ट, सिटी एंड स्माल कॉजेज कोर्ट, स्टेट कंजूमर फोरम, सेंटर एंड स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में करीब 23 साल प्रेक्टिस की। 31 जुलाई, 2006 को उन्हें मद्रास हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायधीश नियुक्त  किया गया और 9 नंवबर 2009 को मद्रास हाईकोर्ट का नियमित जज नियुक्त किया गया।
 उनकी नियुक्ति स्वागत योग्य  है और  मानवाधिकारों के प्रति गहरी समझ होना अपेक्षित है  राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष का चयन करने वाली समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. समिति में लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, दोनों सदनों के विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उपसभापति सदस्य होते हैं.   

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management