- भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण दिवस का उत्साह
- भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग में वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार
- जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को मनाया जाता
- इस वर्ष 16 अगस्त 2025
- विशेष पूजा विधियों में मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण की पूजा करने की परंपरा
- कृष्ण का जन्म बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक
-उनके जीवन से संबंधित कई प्रमुख घटनाएं धार्मिक ग्रंथों में वर्णित
कानपुर: 16 अगस्त 2025
द्वारका के सम्राट, लीलाधर, गीता के दिव्य प्रवक्ता, यदुवंश के गौरव, मुरलीधर, अधर्म-विनाशक, धर्म-स्थापक, प्रेम और भक्ति के प्रतीक भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। राधे-कृष्ण की कृपा आप पर सदैव बनी रहे। जय श्री कृष्ण!
समस्त देशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं।
वासुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ श्री कृष्ण की कृपा आप पर और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे । जय श्री कृष्णा
सम्पूर्ण जगत के आधार लीलाधर, योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जी के पावन अवतरण दिवस 'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी' की सभी को हार्दिक बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएं! मुरलीधर सभी के जीवन में प्रेम, करुणा एवं भक्ति का संचार कर चराचर जगत का कल्याण करें, यही प्रार्थना है।
वासुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ श्री कृष्ण की कृपा आप पर और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे। जय श्री कृष्णा
हैप्पी जन्माष्टमी! जय श्री कृष्णाSailesh Pratap @pratap_sailesh 4m
सम्पूर्ण जगत के आधार लीलाधर, योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जी के पावन अवतरण दिवस 'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी' की सभी को हार्दिक बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएं! मुरलीधर सभी के जीवन में प्रेम, करुणा एवं भक्ति का संचार कर चराचर जगत का कल्याण करें, यही प्रार्थना है।
यदुवंश श्री कृष्ण जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाएं। दादा कृष्ण की जय हो।
जय श्री कृष्ण!
@ElvishYadav bhai भाई
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण #Janmashtami
Jai shree Krishna जय श्री कृष्णा
जिसकी मति और गति सत्य की होती है उसका रथ आज भी भगवान श्रीकृष्ण ही चलाते है। राधेश्याम जय श्रीकृष्ण
कानपुर: 16 अगस्त 2025
श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं।[उद्धरण चाहिए] उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तृत रूप से वर्णित है। भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है।
कृष्ण वसुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे। देवकी कंस की बहन थी। कंस एक अत्याचारी राजा था। उसने आकाशवाणी सुनी थी कि देवकी के पुत्र द्वारा वह मारा जाएगा। इससे बचने के लिए कंस ने देवकी और वसुदेव को मथुरा के कारागार में डाल दिया। मथुरा के कारागार में ही भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को उनका जन्म हुआ। कंस के डर से वसुदेव ने नवजात बालक को रात में ही यमुना पार गोकुल में यशोदा के यहाँ पहुँचा दिया। गोकुल में उनका लालन-पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता-पिता बने।
अपने जन्म के कुछ समय बाद ही कंस द्वारा भेजी गई राक्षसी पूतना का वध किया , उसके बाद शकटासुर, तृणावर्त आदि राक्षस का वध किया। बाद में गोकुल छोड़कर नंद गाँव आ गए वहां पर उन्होने गोचारण लीला, गोवर्धन लीला, रास लीला की। इसके बाद मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहाँ अपना राज्य बसाया। पाण्डवों की मदद की और विभिन्न संकटों से उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और रणक्षेत्र में ही उन्हें उपदेश दिया। 124 वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की।
उनके अवतार समाप्ति के तुरंत बाद परीक्षित के राज्य का कालखंड आता है। राजा परीक्षित, जो अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा अर्जुन के पौत्र थे, के समय से ही कलियुग का आरंभ माना जाता है।
भगवान कृष्ण का जन्म बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पर्व भगवान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे ही उनकी पूजा करने की खास परंपरा है।
2025 में जन्माष्टमी का पर्व कब मनाया जाएगा और श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पूजा मुहूर्त और महत्वपूर्ण अनुष्ठान क्या होंगे।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025: हर साल भाद्रपद माह की अष्ठमी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व, गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का समय इस प्रकार है-
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 15 अगस्त 2025, रात्रि 11:49 बजे से
- 15 अगस्त 2025, 11:49 बजे सेअष्टमी तिथि समापन
- 16 अगस्त 2025, रात्रि 09:34 बजे तकअष्टमी तिथि समापन
- 16 अगस्त 2025, 09:34 बजे तक
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पूजा मुहूर्तश्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 पूजा मूहूर्त
इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा, जिसका शुभ समय है-
रोहिणी नक्षत्र आरंभ - 17 अगस्त 2025 - 04:38 AM
- 17 अगस्त 2025 - 04:38 पूर्वाह्नरोहिणी नक्षत्र समाप्त
- 18 अगस्त 2025 - 03:17 AMरोहिणी नक्षत्र अंत - 18 अगस्त 2025 - 03:17 पूर्वाह्न
निशिता पूजा का समय - 16 अगस्त, 2025 - 12:03 AM से 12:46 AM तक अवधि - 00 घण्टे 43 मिनट्सअवधि - 00 घंटे 43 मिनट मध्य रात्रि क्षण - 16 अगस्त, 2025 - 12:25 AM आधी रात का क्षण - 16 अगस्त, 2025 - 12:25 पूर्वाह्न चंद्रोदय क्षण - रात्रि 10:45 बजे कृष्ण दशमीचंद्रोदय क्षन - 10:45 PM कृष्णा दशमीमध्य रात्रि क्षण - 16 अगस्त, 2025 - 12:25AMआधी रात का क्षण - 16 अगस्त, 2025 - 12:25 पूर्वाह्नचंद्रोदय क्षण - रात्रि 10:45 बजे कृष्ण दशमीचंद्रोदय क्षन - 10:45 PM कृष्णा दशमी