- एशियाई बाजारों में जापानी और दक्षिण कोरियाई शेयर बाजारों में गिरावट।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 30% टैरिफ बरकरार अतिरिक्त टैरिफ नहीं
- जापान Nikkei 225 3.5%, दक्षिण कोरिया Kospi 20% , हांगकांग Hang Seng 10% से अधिक गिरा।
- टैरिफ युद्ध का असर अमेरिकी बाजारों पर भी S&P 1.6% और Dow Jones 2% गिरा।
- भारत जैसे उभरते बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव-खासकर यदि वैश्विक मांग कमजोर होती है।
कानपुर : 26 अगस्त 2025
आज के वैश्विक बाजारों में आम तौर पर गिरावट का माहौल है, एशियाई बाजारों जापानी और दक्षिण कोरियाई शेयर बाजारों में गिरावट के प्रमुख संकेत दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए गए टैरिफ के प्रभाव के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने चीन पर 104% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे व्यापक स्तर पर नकारात्मक बाजार प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 104% टैरिफ लगाने की घोषणा नहीं की है। वास्तव में, उन्होंने 30% टैरिफ को बरकरार रखते हुए अगले 90 दिनों के लिए किसी भी अतिरिक्त टैरिफ को स्थगित कर दिया है। इससे पहले, चीन ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाया था।
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🌏 वैश्विक बाजारों की मौजूदा स्थिति
हांगकांग के Hang Seng इंडेक्स में भी 10% से अधिक की गिरावट आई है।
बाजार में इस कमी का मुख्य कारण ट्रंप की व्यापार नीति और आयात शुल्क की बढ़ोतरी है, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाएं बढ़ गई हैं। निवेशकों में चिंता व्याप्त है कि इससे वैश्विक मंदी का खतरा पैदा हो सकता है, जो निवेश और उपभोक्ता मांग को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिकी बाजारों पर प्रभाव
- अमेरिकी बाजारों में भी उतार-चढ़ाव जारी है, लेकिन S&P और Dow Jones में गिरावट दर्ज किया गया है, जहाँ S&P 1.6% और Dow Jones 2% गिरा है。
ट्रंप ने हालिया टिप्पणी की है कि वह आर्थिक गिरावट नहीं चाहते, लेकिन स्वीकार किया है कि कभी-कभी आर्थिक सुधार के लिए कठोर कदम उठाने पड़ेगा。
📉 टैरिफ युद्ध का असर
- ट्रंप की "Reciprocal Tariff" नीति के तहत चीन पर 145% तक टैरिफ लगाने की योजना थी, लेकिन फिलहाल इसे नवंबर 10 तक टाल दिया गया है।
- इस नीति का उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।
- हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यदि टैरिफ बढ़ाए जाते हैं, तो इससे वैश्विक व्यापार में मंदी, उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि, और निवेश में गिरावट हो सकती है।
भारत पर संभावित प्रभाव
- भारत जैसे उभरते बाजारों पर इसका असर पड़ सकता है, विशेषकर यदि वैश्विक मांग कमजोर होती है।
- यदि चीन अमेरिकी बाजार में सामान नहीं बेच पाता, तो वह उन्हें ASEAN और भारत जैसे बाजारों में डायवर्ट कर सकता है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
- इन बाजारों में गिरावट की संभावना को देखते हुए, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों में कटौती पर विचार करना पड़ सकता है।
- बाजार में इस स्थिति का असर भारत समेत अन्य देशों के बाजारों पर भी पड़ सकता है, जहाँ बाजार पहले ही गिरावट की प्रवृत्ति दिखा रहे हैं।
वैश्विक बाजार चिंताजनक स्थिति में हैं, जो मुख्यतः ट्रंप की व्यापार नीतियों और टैरिफ की बढ़ोतरी के कारण हैं। निवेशकों को इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों के प्रति सचेत रहना होगा।