• 08 Jun, 2025

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पूजा खेड़कर को अग्रिम जमानत से मना

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पूजा खेड़कर को अग्रिम जमानत से मना

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पूजा खेड़कर को अग्रिम जमानत से मना फर्जी शारीरिक और मानसिक विकलांगता के प्रमाणपत्र नाम और उपनाम बदला, जाली ओबीसी प्रमाण पत्र अग्रिम जमानत दी गई, तो जांच प्रभावित "बाएं घुटने के पुराने एसीएल (पूर्वकाल क्रूसिएट लिगामेंट) के फटने" का आपरेशन इसलिए, आवेदन 'दिव्यांग' श्रेणी मे ही । पूजा खेड़कर

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पूजा खेड़कर को अग्रिम जमानत से मना 
फर्जी शारीरिक और मानसिक विकलांगता के  प्रमाणपत्र 
नाम और उपनाम बदला, जाली  ओबीसी प्रमाण पत्र  
अग्रिम जमानत दी गई, तो  जांच प्रभावित
"बाएं घुटने के  पुराने एसीएल (पूर्वकाल क्रूसिएट लिगामेंट) के फटने" का आपरेशन    इसलिए, आवेदन  'दिव्यांग' श्रेणी मे ही । पूजा खेड़कर

नई दिल्ली 23 दिसम्बर 2024  

नई दिल्ली 23 दिसम्बर 2024 दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पूजा खेड़कर को अग्रिम जमानत से मना कर दिया है । उन पर आरोप हैं कि उन्होंने उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में शारीरिक और मानसिक विकलांगता के बारे में फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर लाभ उठाने का प्रयास किया था और परीक्षा पास करने के लिए अपना नाम और उपनाम बदल लिया, साथ ही ओबीसी प्रमाण पत्र भी जाली बनाया था। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया उसका इरादा अधिकारियों को धोखा देने का था और कहा कि "उसके कदम एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे। यह भी कहा गया कि सुश्री खेडकर "नियुक्ति के लिए अयोग्य हैं"। अदालत के अनुसार प्रथम दृष्टया मजबूत आधार है और ऐसे प्रकरण मे पूछताछ आवश्यक है
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने सोमवार दोपहर कहा "यह पूरे देश के साथ की गई धोखाधड़ी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है"। यह भी दोहराया कि पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने से पहले सम्पूर्ण प्रक्रिया पर विचार किया। न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि उन्हें अग्रिम जमानत दी गई, तो इससे जांच प्रभावित हो सकती है[
" उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान मामले में जांच से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि याचिकाकर्ता वंचित समूहों के लिए बनाए गए लाभों का लाभ उठाने के लिए योग्य नहीं है."
याचिकाकर्ता का आचरण पूरी तरह से शिकायतकर्ता संघ लोक सेवा आयोग को धोखा देने के उद्देश्य से प्रेरित था, और उसके द्वारा कथित रूप से जाली सभी दस्तावेज समाज के (वंचित) समूहों के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ उठाने के लिए बनाए गए थे,"
खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने आवेदन में झूठी जानकारी पेश की और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से UPSC परीक्षा में भाग लिया। इसके कारण, 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी को UPSC ने निरस्त कर दिया और भविष्य की सभी परीक्षाओं के लिए उन पर प्रतिबंध लगा दिया[
पूजा खेडकर पर आरोप हैं कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिए अनुचित तरीके का प्रयोग किया है । अदालत का यह निर्णय एक गंभीर झटका है और अब उन्हें इस प्रकरण में आगे की कानूनी लड़ाई करनी होगी।
" उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान मामले में जांच से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि याचिकाकर्ता वंचित समूहों के लिए बनाए गए लाभों का लाभ उठाने के लिए योग्य नहीं है."
एक महत्वपूर्ण उल्लेख में, अदालत ने यह भी संकेत दिया कि "इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि (सुश्री खेडकर के) परिवार के सदस्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अज्ञात शक्तिशाली अधिकारीयो के साथ मिलीभगत की है...", संभवतः जांच का विस्तार करके सरकारी अधिकारियों और विभागों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।
सुश्री खेड़कर ने अपनी दलीलों में शारीरिक विकलांगता के दावों पर जोर दिया और महाराष्ट्र के एक अस्पताल का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जिसमें उन्हें 
पूर्व मे सुश्री खेड़कर को गिरफ्तारी से अस्थायी संरक्षण प्रदान किया था। अब यह रद्द हो जाएगा।

Dr. Lokesh Shukla

Dr. Lokesh Shukla, Managing Director, International Media Advertisent Program Private Limited Ph. D.(CSJMU), Ph. D. (Tech.) Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University, before 2015 known as the Uttar Pradesh Technical University, WORD BANK PROCUREMENT (NIFM) Post Graduate Diploma Sales and Marketing Management