उनका कार्यालय शांति की सेवा में दोनों देशों की सहायता के लिए उपलब्ध
मैं हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया
पाकिस्तान ने शिमला समझौते के निलंबन की घोषणा की
शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिये संवेदनशील मुद्दों पर समन्वय और संवाद आवश्यक
संयुक्त राष्ट्र तनाव कम, कूटनीति और शांति प्रतिबद्धता को बढ़ावा का समर्थन के लिए तैयार
कानपुर 6 मई 2025
नई दिल्ली: 6 मई 2025
जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में घातक आतंकवादी हमले के हफ्तों बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को संबोधित किया, शांति बहाल करने में मदद के लिए के समर्थन की पेशकश की।
उन्होंने कहा, 'मैं 22 अप्रैल को पहलगाम में भयानक आतंकी हमले ने 26 लोगों की जान ली थी इनमें अधिकतर पर्यटक थे।के बाद की भावनाओं को समझता हूं. मैं फिर उस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि युद्ध जवाब नहीं है, उन्होंने कहा, "कोई गलती न करें: एक सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय शांति की सेवा में दोनों देशों की सहायता के लिए उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कई सालों में सबसे ज्यादा है। मैं दोनों देशों की सरकार और लोगों तथा संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण में उनके महत्वपूर्ण योगदान का गहरा सम्मान करता हूं और आभारी हूं और इसलिए संबंधों को उबलते बिंदु तक पहुंचते देखकर मुझे पीड़ा होती है। मैं एक बार फिर उस (पहलगाम) हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय कानूनी तरीकों से न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ''संयुक्त राष्ट्र ऐसी किसी भी पहल का समर्थन करने के लिए तैयार है जो तनाव कम करने, कूटनीति और शांति के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देती हो।
भारत ने इतिहास में पहली बार लंबे समय से चली आ रही सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण का आधार रही है। यह निर्णय क्षेत्रीय राजनीतिक तनाव और आपसी विश्वास की कमी के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत गंभीर माना जा रहा है। सिंधु जल संधि, जिसे 1960 में दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र के मध्यस्थता में संपन्न किया था, एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता था जिसने सिंधु नदी के पानी को भारत और पाकिस्तान के बीच बांटने का ढांचा स्थापित किया था।
संधि को निलंबित करने के इस कदम से जल संसाधनों के प्रबंधन में कठिनाई उत्पन्न हो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। पानी की आपूर्ति प्रभावित होने से क्षेत्रीय कृषि और जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान ने शिमला समझौते के निलंबन की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक गतिरोध और गहरा गया है। शिमला समझौता जो 1972 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने के लिए किया गया था, वर्तमान तनाव के संदर्भ में इसका निलंबन द्विपक्षीय संवाद और विश्वास निर्माण प्रयासों को प्रभावित करता है।
दोनों देशों के बीच जारी उठापटक ने दक्षिण एशियाई राजनीतिक और कूटनीतिक परिदृश्य को और जटिल बना दिया है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर समन्वय और संवाद आवश्यक है ताकि क्षेत्रीय शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके। जल संसाधन और सीमा विवादों के समाधान के लिए निरंतर वार्ता एवं समझौतों का पुनर्निर्माण दोनों देशों की प्राथमिकता होनी चाहिए। पाकिस्तान ने शिमला समझौते के निलंबन की घोषणा करके जवाबी कार्रवाई की, जिससे राजनयिक गतिरोध और बढ़ गया।
कानपुर 6 मई 2025
नई दिल्ली: 6 मई 2025
जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में घातक आतंकवादी हमले के हफ्तों बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को संबोधित किया, शांति बहाल करने में मदद के लिए के समर्थन की पेशकश की।
उन्होंने कहा, 'मैं 22 अप्रैल को पहलगाम में भयानक आतंकी हमले ने 26 लोगों की जान ली थी इनमें अधिकतर पर्यटक थे।के बाद की भावनाओं को समझता हूं. मैं फिर उस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि युद्ध जवाब नहीं है, उन्होंने कहा, "कोई गलती न करें: एक सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय शांति की सेवा में दोनों देशों की सहायता के लिए उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कई सालों में सबसे ज्यादा है। मैं दोनों देशों की सरकार और लोगों तथा संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण में उनके महत्वपूर्ण योगदान का गहरा सम्मान करता हूं और आभारी हूं और इसलिए संबंधों को उबलते बिंदु तक पहुंचते देखकर मुझे पीड़ा होती है। मैं एक बार फिर उस (पहलगाम) हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय कानूनी तरीकों से न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ''संयुक्त राष्ट्र ऐसी किसी भी पहल का समर्थन करने के लिए तैयार है जो तनाव कम करने, कूटनीति और शांति के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देती हो।
भारत ने इतिहास में पहली बार लंबे समय से चली आ रही सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण का आधार रही है। यह निर्णय क्षेत्रीय राजनीतिक तनाव और आपसी विश्वास की कमी के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत गंभीर माना जा रहा है। सिंधु जल संधि, जिसे 1960 में दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र के मध्यस्थता में संपन्न किया था, एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता था जिसने सिंधु नदी के पानी को भारत और पाकिस्तान के बीच बांटने का ढांचा स्थापित किया था।
संधि को निलंबित करने के इस कदम से जल संसाधनों के प्रबंधन में कठिनाई उत्पन्न हो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। पानी की आपूर्ति प्रभावित होने से क्षेत्रीय कृषि और जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान ने शिमला समझौते के निलंबन की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक गतिरोध और गहरा गया है। शिमला समझौता जो 1972 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने के लिए किया गया था, वर्तमान तनाव के संदर्भ में इसका निलंबन द्विपक्षीय संवाद और विश्वास निर्माण प्रयासों को प्रभावित करता है।
दोनों देशों के बीच जारी उठापटक ने दक्षिण एशियाई राजनीतिक और कूटनीतिक परिदृश्य को और जटिल बना दिया है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर समन्वय और संवाद आवश्यक है ताकि क्षेत्रीय शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके। जल संसाधन और सीमा विवादों के समाधान के लिए निरंतर वार्ता एवं समझौतों का पुनर्निर्माण दोनों देशों की प्राथमिकता होनी चाहिए। पाकिस्तान ने शिमला समझौते के निलंबन की घोषणा करके जवाबी कार्रवाई की, जिससे राजनयिक गतिरोध और बढ़ गया।