कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ने ख़ुद बांग्लादेश की लड़ाई लड़ी
पाकिस्तान वालों तुमसे ज़्यादा मुसलमान हमारे मुल्क में हैं और उनकी वतनपरस्ती पर हमें नाज़ है।
हमारे देश में जितने देशभक्त हिंदू हैं उतने ही देशभक्त मुसलमान है.
दिसंबर 2001 संसद हमले के साथ ऑपरेशन पर्क्रम में कर्नल कुरैशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों में संचार के प्रबंधन में विशेषज्ञता ने प्रशंसा प्राप्त की
दुख की बात है कि कुछ लोग, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम या किसी अन्य धर्म के हों, कट्टरता और नफरत फैलाकर देश की एकता को कमजोर करते हैं
कानपुर 7 , मई, 2025:
07 मई, 2025 पाहलगाम
सोशल मीडिया पोस्ट से
BITTU SHARMA- بٹو شرماबिट्टू शर्मा-@CommonBS786OM 12h
अल्लाह ज़ब मुस्लिम महिला बनने का मौका दे तो कर्नल सोफिया कुरैशी बनना, रुबिका लियाक़त नहीं...
Nigar Parveenनिगार परवीन@NigarNawab 12h
किसी ने कहा था कि, मुसलमान सिर्फ पंचर बनाते हैं ? कर्नल सोफिया कुरैशी और मोहम्मद जुबैर को देख लीजिए...खुद जवाब मिल जाएगा !
Imran Pratapgarhiइमरान प्रतापगरी @ShayarImran 6h
कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता को सुनिये, कितने गर्व से बेटी के बारे में बात कर रहे हैं, ख़ुद बता रहे हैं कि पूरा परिवार भारतीय सेना का हिस्सा रहा है और इन्होंने ख़ुद बांग्लादेश की लड़ाई लड़ी है।
Hansraj Meena @HansrajMeena 13h
जिन आतंकियों को धर्म पूछने का शौक है वो कर्नल सोफिया क़ुरैशी से उनका धर्म पूछकर दिखाएं ! कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक बहादुर और प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने न केवल सेना में महिलाओं की भागीदारी का नया इतिहास रचा है, बल्कि देश के दुश्मनों को करारा जवाब भी दिया है।
Ashok Kumar Pandey अशोक اشوکअशोक कुमार पंडी ok अशोक@Ashok_Kashmir14h नाम नोट कीजिए - कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी सरकार ने संदेश दिया है- पाकिस्तान वालों तुमसे ज़्यादा मुसलमान हमारे मुल्क में हैं और उनकी वतनपरस्ती पर हमें नाज़ है।
Bolta Hindustanबोल्टा हिंदुस्तान @BoltaHindustan14h
पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया गया था : कर्नल सोफिया कुरैशी
Zubairजुबैर@Zubair99778 10h
कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी देश ने संदेश दिया है- पाकिस्तान वालों तुमसे ज़्यादा मुसलमान हमारे मुल्क में हैं और उनकी वतनपरस्ती पर हमें नाज़ है। भारत की बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी से स्टेटमेंट दिलवाकर सेना ने पहलगाम हमले के बाद हिन्दू मुसलमान करने वालो नफरतीयो को कड़ा संदेश दिया है
Jeetu Parihar, 15 घंटे
आज भारतीय सेना और वायुसेना की प्रेस ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को सुनकर मेरा दिल गर्व से भर गया। यह ऑपरेशन, जिसने पाहलगाम हमले का मुंहतोड़ जवाब देकर नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, हमारी सेना की अटूट शक्ति और देशभक्ति का प्रतीक है। 'सिंदूर' नाम न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है, बल्कि उन वीरांगनाओं के बलिदान को भी सम्मान देता है जिनके पति इस हमले में शहीद हुए। यह देखकर गर्व होता है कि हमारा देश हर चुनौती का सामना करने को तैयार है।कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अपनी नेतृत्व क्षमता और साहस से साबित कर दिया कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इनकी बहादुरी और आत्मविश्वास हर भारतीय, खासकर युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा है। ये नारी शक्ति का वह रूप हैं जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।दुख की बात है कि कुछ लोग, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम या किसी अन्य धर्म के हों, कट्टरता और नफरत फैलाकर देश की एकता को कमजोर करते हैं। ये लोग धर्म के नाम पर बंटवारा कर हमारी सेना के बलिदान को अपमानित करते हैं। साथ ही, वे जो माँ-बेटियों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें दोयम दर्जे का मानते हैं, उन्हें अपनी सोच बदलनी होगी। आइए, हम इन वीर महिलाओं और सेना से प्रेरणा लेकर एकता, सम्मान और प्रगति की राह पर चलें।जय हिंद!
हमारे देश में जितने देशभक्त हिंदू हैं उतने ही देशभक्त मुसलमान है... यह भारत की बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी...
Rizwan Haiderरिज़वान हैदर @ItsRizwanHaider 14h
यही तो हमारे देश की ख़ूबसूरती है! सेना की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया क़ुरैशी आर्मी ट्रेनिंग contingent को लीड करने वाली पहली मुस्लिम महिला अधिकारी हैं! सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
Ravish Kumar ᴾᵃʳᵒᵈʸ ©रविश कुमार k © © @SirRavishFC15h
भारतीय सेना का कोई धर्म नहीं है. लेकिन जिन आतंकियों को धर्म पूछने का शौक है वो कर्नल सोफिया क़ुरैशी से उनका धर्म पूछकर दिखाएं. ये है मेरा भारत
Ravish Kumar ᴾᵃʳᵒᵈʸ ©रविश कुमार k © © @SirRavishFC15h
भारतीय सेना का कोई धर्म नहीं है.लेकिन जिन आतंकियों को धर्म पूछने का शौक है वो कर्नल सोफिया क़ुरैशी से उनका धर्म पूछकर दिखाएं. ये है मेरा भारत
Sachin Guptaसचिन गुप्ता @SachinGuptaUP 11h
पहलगाम में कत्लेआम मचाने वाले कर्नल सोफिया कुरैशी से उनका धर्म पूछकर दिखाएं... सोफिया वडोदरा से हैं। दादा भारतीय सेना, पिता सेना में टीचर, अब खुद कर्नल हैं। 17 साल की उम्र में सेना में कमीशन पा लिया था।
Supriya Shrinate 14 घंटे ·
“ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया
इस कार्रवाई में 9 आतंकी ठिकाने बर्बाद किए गए”


Ravi Kaithwar, ऊषा रानी कोरी और
29 अन्य लोगों के साथ हैं. · 8 घंटे · कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की एक सज्जित अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने नेतृत्व और समर्पण से इतिहास रचा है। गुजरात के वडोदरा की रहने वाली सोफिया का जन्म 1981 में हुआ था। उन्होंने एमएस यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में बीएससी (1992-1995) और एमएससी (1995-1997) की डिग्री हासिल की। 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के माध्यम से भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया।
प्रमुख उपलब्धियाँ:
पहली महिला नेतृत्वकर्ता: 2016 में सोफिया पहली महिला अधिकारी बनीं, जिन्होंने पुणे में आयोजित बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में भारतीय सेना के दल का नेतृत्व किया। यह भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था, जिसमें आसियान देशों के साथ-साथ अमेरिका, चीन, जापान, रूस जैसे देश शामिल थे। वह 18 देशों के दलों में एकमात्र महिला कमांडर थीं।
ऑपरेशन सिंदूर (2025): 7 मई 2025 को, सोफिया ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रेस ब्रीफिंग दी। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया था। उनकी ब्रीफिंग ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई और महिलाओं की सैन्य भूमिकाओं में बढ़ती भागीदारी को रेखांकित किया।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन: 2006 में, उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भाग लिया, जहां उन्होंने युद्धविराम की निगरानी और मानवीय मिशनों में सहायता की। वह छह वर्षों तक शांति स्थापना कार्यों से जुड़ी रहीं।
पुरस्कार और सम्मान:
ऑपरेशन पराक्रम (2001-02): पंजाब सीमा पर उनकी भूमिका के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) से प्रशस्ति पत्र।
पूर्वोत्तर बाढ़ राहत: संचार प्रबंधन में योगदान के लिए सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ (एसओ-इन-सी) से प्रशस्ति।
पारिवारिक पृष्ठभूमि:
सोफिया एक सैन्य परिवार से आती हैं। उनके दादा भारतीय सेना में थे, और उनके पिता ने कुछ वर्षों तक सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में सेवा की। उनके परदादा ने ब्रिटिश सेना में और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। उनके भाई संजय कुरैशी ने बताया कि उनके पिता 1971 के युद्ध में ईएमई कोर, वडोदरा में थे। सोफिया का विवाह मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ है.
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी? 'ऑपरेशन सिंदूर' प्रेस का नेतृत्व कर रहे सेना के शीर्ष अधिकारी
07 मई 2025,वह सैन्य जड़ों वाले परिवार से आती हैं - उनके दादा ने भारतीय सेना में सेवा की थी। उन्होंने मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के एक अधिकारी से शादी की है।
कर्नल सोफिया कुरैशी, उन दो महिला अधिकारियों में से एक, जिन्होंने बुधवार को भारत के ऑपरेशन सिंदोर के निष्पादन के बाद मीडिया को जानकारी दी, 1999 में इंडियन आर्मी कॉर्प्स ऑफ सिग्नल में शामिल हो गए और 2016 में एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में 2016 में प्रमुखता के लिए
बढ़ी।
.विदेश सचिव विक्रम मिसरी के शुरुआती बयान के बाद, कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस बात का विवरण साझा किया कि स्ट्राइक कैसे किए गए थे।
”उस ऑपरेशन सिंदूर को निर्दिष्ट करते हुए, जो 22 अप्रैल को 22 अप्रैल को पाहलगाम टेरर अटैक के जवाब में बुधवार को 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच हुआ, जिसमें 26 की मौत हो गई, पाकिस्तान में नौ आतंकी शिविरों और पाकिस्तान-कब्जे वाले कश्मीर (पोक) को लक्षित किया गया, कर्नल कुरैशी ने कहा कि "नौ आतंकी स्थल, उनके साथ विश्वसनीयता के आधार पर घिनौना थे।"
गुजरात सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि कर्नल कुरैशी ने 1974 में गुजरात के वडोदरा में एक सैन्य परिवार में जन्म लिया, 1997 में मनोन्मानियम सुंदरनार (एमएस) विश्वविद्यालय से जैव रसायन विज्ञान में एक मास्टर के साथ स्नातक किया। उनके दादा सेना में एक धार्मिक शिक्षक थे।
वर्तमान में भारतीय सेना के मशीनीकृत पैदल सेना में एक अधिकारी, अपने पति के साथ, कर्नल कुरैशी एक भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी थीं और 2016 में आसियान प्लस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में 18 भाग लेने वाले देशों में एकमात्र महिला कमांडर।ऑपरेशन पर्क्रम
दिसंबर 2001 में भारतीय संसद के हमले का पालन करने वाली पंजाब सीमा के साथ ऑपरेशन पर्क्रम के दौरान कर्नल कुरैशी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
.उनका योगदान युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संयुक्त राष्ट्र के पीसकीपिंग ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, उन्होंने 2006 से शुरू होने वाले छह साल के कार्यकाल के लिए कांगो में सेवा की। "संघर्ष क्षेत्रों में शांति लाने के प्रयास मेरे लिए गर्व का क्षण रहे हैं," उन्होंने कहा।
उनके नेतृत्व को पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान महत्वपूर्ण संचार के प्रबंधन में उनकी विशेषज्ञता ने सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ (सो-इन-सी) से प्रशंसा प्राप्त की