• 14 Sep, 2025

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिन के बाद पृथ्वी वापस आ रहे हैं। सभी सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोग पूरे

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिन के बाद पृथ्वी वापस आ रहे हैं। सभी सात  माइक्रोग्रैविटी प्रयोग पूरे

विज्ञान और अंतरिक्ष में भारत की ऐतिहासिक छलांग!
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने आईएसएस पर सभी सात माइक्रोग्रैविटी सफलतापूर्वक किए।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय गगनयात्री
शुभांशु शुक्ला 17 दिन के बाद 14 जुलाई को धरती लौटेंगे।
राकेश शर्मा पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री  के योगदान को याद किया गया
शुभांशु ने प्रधानमंत्री और छात्रों के साथ हैम रेडियो  से बातचीत की।
कानपुर जुलाई 14, 2025 :
नई दिल्ली : जुलाई 14, 2025
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान सङ्गठन के अनुसार ग्रुप कैप्टन शुक्ला पिछले 41 सालों में अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय "गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करते हुए सभी सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों और अन्य नियोजित गतिविधियों "टार्डिग्रेड्स, मायोजेनेसिस, मेथी और मूंग के बीजों, साइनोबैक्टीरिया, माइक्रोएल्जी, क्रॉप सीड्स और वायेजर डिस्प्ले के भारतीय स्ट्रेन पर प्रयोग योजना के अनुसार सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं । इसरो ने उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों से भारतीय प्रधान अन्वेषकों (पीआई) द्वारा प्रस्तावित कई माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान प्रयोगों को सौंपा था।
अंतरिक्ष में 17 दिन रहने के बाद शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को धरती पर वापस लौटेंगे। भारतीय वायुसेना में राकेश शर्मा पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। 3 अप्रैल, 1984 को उन्होंने लो ऑर्बिट में स्थित सोवियत स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भर सात दिन स्पेस स्टेशन पर बिता नया कीर्तिमान रच भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बन थे। भारत और सोवियत संघ के इस संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के दौरान राकेश शर्मा ने भारत के कई भागों की फ़ोटोग्राफी भी की। इस अंतरिक्ष यात्रा के साथ वे विश्व के 138 वें अंतरिक्ष यात्री बने थे।
उनको पुनः याद करते हुये राकेश शर्मा के आइकोनिक डायलॉग को दोहराते हुए फेयरवेल सेरेमनी में उन्होंने कहा- भारत आज भी सारे जहां से अच्छा है
ISS पर पहुँचने वाले पहले भारतीय की अंतरिक्ष यात्रा भारत के लिए अंतरिक्ष में गर्व का क्षण! IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन के तहत 20 दिनों के ऐतिहासिक अंतरिक्ष अभियान और 60+ प्रयोगों के बाद ISS से रवाना होकर पृथ्वी की ओर लौट रहे हैं, शुभांशु शुक्ला को धरती से अंतरिक्ष तक भारत सारे जहाँ से अच्छा दिखता है
इसरो ने उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों से भारतीय प्रधान अन्वेषकों (पीआई) द्वारा प्रस्तावित कई माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान प्रयोगों को सौंपा था।
आईएसएस में प्रवास के दौरान, ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने प्रधान मंत्री और हैम रेडियो के माध्यम से घर वापस छात्र समुदाय के साथ बातचीत की।
एएक्स -4 अनुसंधान में अमेरिका, भारत, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप भर के देशों सहित 31 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां हैं। नासा के अनुसार ड्रैगन अंतरिक्ष यान 580 पाउंड से अधिक कार्गो के साथ लौट रहा है, जिसमें नासा के हार्डवेयर और मिशन के दौरान किए गए 60 से अधिक प्रयोगों के डेटा शामिल हैं